व्यवसायिक एवं वैज्ञानिक शिक्षा के साथ-साथ आध्यात्मिक एवं संस्कारित शिक्षा भी जरूरी : राजेश चेतन
भिवानी। शिक्षा क्षेत्र में महिलाओं का अनुपम योगदान रहता है, विशेषतौर पर भारत में महिलाओं की साक्षरता निरंतर उन्नती कर रही है न केवल शिक्षा क्षेत्र में अपितु खेल, विज्ञान एवं राजनीतिक क्षेत्र में भी उनका योगदान काफी अग्रणी रहा है। ये बात आज आदर्श महिला महाविद्यालय में आयोजित विद्यार्थी प्रशिक्षण शिविर के तीसरे दिन मुख्य वक्ता एवं प्रसिद्ध हास्य कवि राजेश चेतन ने उपस्थित छात्राओं को अपने सक्सेस मंत्र देते हुए कही। अपने काव्यात्मक अंदाज में उन्होंने उपस्थित छात्राओं को रचनात्मक ढंग से शिक्षा का सही मायने में मनन करना सिखाया। देश की उन्नती में महिलाओं के अद्वितीय योगदान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि देश को उच्च शिखर तक ले जाने के लिए व्यवसायिक एवं वैज्ञानिक शिक्षा के साथ-साथ आध्यात्मिक एवं संस्कारित शिक्षा की भी जरूरत है। हम अपने आस पास अच्छा माहौल रखेंगे तथा स्वयं तथा दूसरों को भी अच्छे संस्कार देंगे तो निश्चित ही भारत दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति होगा, क्योंकि भारत ही विश्व का सबसे युवा देश है। कार्यशाला में उपस्थित छात्राओं को अपने तर्कों के माध्यम से श्री चेतन आध्यात्मिक विषय पर बताया कि कर्म धर्म की पालना करते हुए जीवन में आगे बढ़े तो सारी सफलताएं आपके कदमों में होंगी। गीता के महत्व को बताते हुए उन्होंने कहा कि यह हमें त्याग, प्रेम और कर्तव्य का संदेश देती है। श्री चेतन ने कहा कि विद्यार्थियोंं को देश के निर्माता माना जाता है। उनके चरित्र बल पर ही देश कि प्रतिष्ठा एवं विकास आधारित है। अत: नैतिकता, राष्ट्रभक्ति आदि मूल्यों की शिक्षा और जीवन के आध्यात्मिक दृष्टिकोण का विकास ही हमें उच्च शिखर तक ले जाऐगा। कार्यशाला में उपस्थित छात्राओं की शंकाओं का श्री राजेश चेतन द्वारा अपने हास्य अंदाज में सरलता पूर्ण समाधान एवं मार्गदर्शन किया गया। कार्यशाला के दूसरे मुख्यवक्ता डॉ. किसलय घोष ने अपने संबोधन में कहा कि हमें आगे बढऩे के लिए सर्वप्रथम स्वयं द्वारा निर्मित समस्याओं को हल करना चाहिए। समय की महत्वता बताते हुए उन्होंने कहा कि हमें समय को इस प्रकार व्यवस्थित और उपयोग करना चाहिए कि देर होने का मौका ही ना मिलें। डॉ. घोष ने कहा कि सम्पूर्ण व्यवहारिक ज्ञान के लिए पुस्तकों के साथ-साथ हमें अखबार तथा न्यूज चैनलों के माध्यम से स्वयं को अपडेट रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें पता होना चाहिए कि प्रतिदिन हमारे शहर, राज्य, देश व विदेश में कौन से घटनाक्रम घट रहे हैं। कार्यशाला की शुरूआत जन्माष्टमी की शुभकामनाओं के साथ भगवान कृष्ण के भजनों एवं नृत्य नाटिका द्वारा की गई। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्रबंधक समिति के महासचिव अशोक बुवानीवाला, कोषाध्यक्ष सुंदरलाल अग्रवाल, महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. अरूणा सचदेव, डॉ. बुद्धदेव आर्य, संयोजिका नूतन शर्मा, गायत्री आर्य, मेघा यादव, निकिता पुनीयानी, ज्योति गाबा, सोनिया बजाज, प्रीति चौधरी, प्रियंका ग्रोवर, मंजू बाई, रूचि जांगड़ा, कल्पना भी उपस्थित रही।